कार्टिस्ट यात्रा में शहर के कलाकारों ने दिखाया हुनर

इंदौर. कार्टिस्ट यात्रा 2019 पिछले दिनों इंदौर पहुंची. भारत के खास 11 शहरों में होने वाली ये अनूठी यात्रा ने शहर के कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका दिया. इसमें लगभग 60 कलाकारों ने अपनी कला का जादू दिखाया.

 कार्टिस्ट यात्रा ऑटोमोबाइल के साथ आर्ट का अनूठा संगम है.  कार, आर्ट और आटिस्ट शब्द से बना है कार्टिस्ट. इसमें शहर ही नहीं, देश-प्रदेश के आर्टिस्ट ने भी  अपनी कला का हुनर दिखाया. इसमें कुछ विंटेज कारे भी शामिल थी. प्रस्टिज कॉलेज में 3 दिन चले इस कार्यक्रम में कई कारें आकर्षण का केंद्र रही.

मुख्य आकर्षण थी प्लास्टिक की बोतल से बनाई लाइव कार. इसके साथ ही स्क्रेप से कई आकर्षक चीजें बनाई गई. इस यात्रा के आयोजक है जयपुर के हिमांशु जांगिड़. हिमांशु पुरानी गाडिय़ों (विंटेज) को रिस्टोर करके उसे नया रूप देते हैं.

हिमांशु ने बताया कि तीन साल पहले इस तरह के कार्यक्रम की योजना आई थी. मैंने सोचा कि कलाकारों को नया मंच देना चाहिए जिससे उन्हें अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए एक मंच मिले. सबसे पहले हमने जयपुर में देशभर के कलाकार इक_ा किए और दो साल से देशभर में हर साल एक थीम लेकर कार्टिस्ट यात्रा. दो दिन यात्रा इंदौर में थी. करीब साठ कलाकारों ने यहां काम किया. पुरानी गाडिय़ों को रंगा और इंस्टॉलेशन बनाए.

कार्टिस्ट यात्रा में अब करीब चार से साढ़े चार हजार कलाकार जुड़ गए है. हिमांशु ने बताया कि हमने 1996 की ई क्लास 250 मर्सडीज, जिसके स्क्रेप से घर का फर्नीचर बनाया है जिसे पुराने एक कंटेनर में रखा है. इसके अलावा तारों और गाडिय़ों के पुर्जों से बने हिरण और स्कूटर. 1964 की एसी कोबरा कार, जिसे दिल्ली के किसी कारोबारी ने इस यात्रा के लिए खासतौर पर दिया है. इसका हमारा मकसद है कि पुरानी पड़ी अनुपयोगी वस्तुओं को नया रूप दिया जाए.

इंदौर में फाइन आर्ट्स कॉलेज के छात्र यहां पहुंचे और पेंटिंग के जरिए अपनी कला दिखाई. कैनवास पर पेंटिंग के अलावा कुछ छात्र यहां दो कार भी पेंट की. इसमें एक कार इंदौर की है और दूसरी खिलाड़ी दीपा मलिक की. हिमांशु ने बताया जब मैंने दो साल पहले जब ये सब शुरू किया था, तो जयपुर में कलाकारों को इक_ा कर करीब सौ आटो रिक्शा को राजस्थानी रंगा था. इसके बाद रेलवे स्टेशन को रंगा. अब इस कला को हम देशभर में ले जा रहे हैं.

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